जीवन क्या है? What is life



जीवन क्या है? यह सवाल हर समझदार व्यक्ति के मन में आता है। हर वह व्यक्ति जिसके पास सोचने की क्षमता है, वह इन सवालों के बारे में जरूर सोचता है। सदियों से मनुष्य इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए सोचता आ रहा है। जीवन के रहस्यों को जानने के लिए मनुष्य ने अपनी सोच के जरिए जीवन शक्ति को समझने की कोशिश की और जीवन के महत्व को समझने के बाद उस महत्व को अपने व्यवहार में लाने की कोशिश की। सदियों से मनुष्य जीवन के बारे में सोचता आ रहा है और इसी सोच के चलते मनुष्य को आत्मज्ञान की प्राप्ति हुई। आध्यात्म के जरिए ही मनुष्य को जीवन के रहस्यों का ज्ञान प्राप्त हुआ। आध्यात्म वह ज्ञान है जिसे हर मनुष्य हासिल करना चाहता है क्योंकि आज तक के सभी धर्मों और संप्रदायों की नींव मनुष्य द्वारा हासिल की गई आध्यात्म पर ही टिकी हुई है। हर धर्म आध्यात्म से शुरू होता है और आध्यात्म पर ही खत्म होता है। धरती पर जितने भी धर्म बने हैं, वे सभी आध्यात्म से ही बने हैं। आध्यात्म सभी धर्मों और संप्रदायों की जननी है।
जीवन को समझने के लिए हमें धर्म को समझना होगा क्योंकि आज के परिवेश में धर्म जीवन का पर्याय बन गया है। इन दोनों में इतनी समानता है कि जीवन और धर्म दोनों एक जैसे लगते हैं मानो दोनों में कोई अंतर ही नहीं है। जीवन और धर्म दोनों अलग-अलग हैं, दोनों में बहुत अंतर है। इस अंतर को समझने के लिए हमें धर्म को जानना होगा। हमें समझना होगा कि धर्म क्या है? धर्म या संप्रदाय को समझने और जानने के लिए हमें अध्यात्म को जानना होगा, अध्यात्म क्या है? अध्यात्म को समझना और जानना बहुत कठिन है क्योंकि पृथ्वी के सभी अनसुलझे रहस्यों का जवाब अध्यात्म ही है। अध्यात्म को जानने, समझने और साधने के लिए हमें चिंतन को समझना होगा, चिंतन क्या है? चिंतन कैसे किया जाता है और चिंतन से अध्यात्म कैसे प्राप्त होता है। चिंतन एक जटिल प्रक्रिया भी है क्योंकि अगर चिंतन सही दिशा में हो तो यह जीवन को महान बना देता है और अगर यह गलत दिशा में हो तो यह जीवन को बर्बाद कर देता है। दुनिया के सभी धर्मों के नियम मनुष्य को सही दिशा में सोचने के लिए बनाए गए थे ताकि मनुष्य भ्रमित न हो और सही दिशा में सोचे। चिंतन एक ऐसी प्रक्रिया है जो गंभीर चिंतन से उत्पन्न होती है।

Post a Comment

Previous Post Next Post